About Department
हिंदी विभाग
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
भावार्थ:
निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।
मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं है।
शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के संलग्नित महाविद्यालय के अंतर्गत सर्वोत्कृष्ट कॉलेज के रूप मे विवेकानंद कॉलेज माना जाता है। विवेकानंद कॉलेज की स्थापना 1964 में हुई। इसी साल कॉलेज के हिन्दी विभाग की भी स्थापना हुई। शिक्षा वह क्षेत्र है जहाँ हर क्षण कुछ नया कर गुजरने की संभावना बनी रहती है। संभावना का अर्थ है - चुनौती, चुनौतियों को स्वीकार करना और अपने लक्ष्य पर अग्रेषित रहना होता है। हिन्दी विभाग ने नई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अहिंदी भाषी क्षेत्र में हिंदी के प्रचार प्रसार को महत्वपूर्ण स्थान दिया। विभाग का लक्ष्य विद्यार्थीयों में राष्ट्रीय भाषा हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट कुशलता प्रदान करना तथा उनमें भाषा तथा साहित्यिक की व्याख्या तथा मूल्यांकन की योग्यता को बढ़ावा देना रहा है। साथ ही विभाग का उद्देश्य हिन्दी भाषा, साहित्य और प्रयोजनमूलक हिंदी के विभिन्न पहलुओं में शिक्षा प्रदान करना है ताकि रोजगारपरक, शोधपरक एवं अनुवाद कार्यों में विद्यार्थी कुशलता हासिल कर इन क्षेत्रों में महारत हासिल कर सकें। इसी के चलते विभाग के अंतर्गत पी.जी. डिप्लोमा इन हिंदी ट्रान्सलेशन पाठ्यक्रम की शुरुवात की जा चुकी है ताकी अनुवाद के क्षेत्र में भी छात्र पारंगत हो सके।
हिंदी विभाग ने अब तक अनेक राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया है। यहाँ से पढ़कर निकलने वाले छात्र अध्यापन क्षेत्र के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। और देश की उन्नती में अपना सहयोग दे रहे हैं।
हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ. आरिफ महात सृजनात्मक लेखन के साथ समीक्षा लेखन क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। इनके कविता, ग़ज़ल और अन्य प्रकाशित किताबो की संख्या 12 है। आप शोध निर्देशक के रूप में भी कार्यरत है। हिंदी विभाग के दुसरे सहाय्यक प्राध्यापक डॉ. दीपक तुपे जी के प्रकाशित किताबो की संख्या 5 है। आप शोध निर्देशक के रूप में भी कार्यरत है।
इसके साथ विभाग के अंतर्गत महाविद्यालय के सभी कला, वाणिज्य, विज्ञान शाखा के विद्यार्थीयों के लिए हिंदुस्तानी प्रचार सभा, मुंबई की ओर से सरल हिंदी कक्षा प्रमाणपत्र कोर्स पढ़ाया जाता है।
विभागीय विशेषताएँ
1 विभागीय पुस्तकालय।
2. श्रव्य-दृश्य सामग्री।
3. आधुनिक सुविधाओं से युक्त कक्षाएँ।
4. प्रमुख पत्र-पत्रिकाएँ।
5. विद्यार्थियों को नैतिक मूल्य, संस्कृति, सभ्याचार की शिक्षा भी दा जाती है।
6. राष्ट्रीय/अन्तराष्ट्रीय तथा अन्य महत्वपूर्ण दिनों को उत्सव रुप में मनाना।
7. पाठ्यक्रम का कौशल तथा रोज़गार से सम्बन्धित होना ।
8. विद्यार्थियों को विभागीय गतिविधियों द्वारा लैंगिक असमानता, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण तथा नैतिक मूल्यों से अवगत करवाना।
9. विभाग में चल रहे मूल्य वर्धित कोर्स द्वारा विद्यार्थियों को अपनी पुरातन सभ्यता से जोड़ने का कार्य ।
10. प्रतिक्रिया प्रणाली (फीडबैक सिस्टम) के माध्यम से विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर को और सुधारना ।
11. प्रक्षेपक (प्रोजेक्टर) के माध्यम से कठिन विषयों को रोचक ढंग से प्रस्तुत करना।